एनसीआरबी रिपोर्टः हरियाणा में सड़क हादसों में गई 6002 लोगों की जान, 772 हिट एंड रन केस
हरियाणा में 2018 में जहां 1140 लोगों की हत्या कर दी गई, वहीं सिस्टम की लापरवाही ने एक ही साल में 6002 लोगों की जान ले ली। आप भले ही यकीन न करें, लेकिन चौंकाने वाला यह खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2018 में हुए अपराधों पर जारी रिपोर्ट से हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में आईपीसी की धारा 304ए के तहत दर्ज 5516 मामलों में 2018 में लापरवाही के चलते 6002 लोगों की मौत हो गई। सबसे अधिक लापरवाही सड़क हादसों के बाद हुई, जिसके चलते 5754 लोगों की मौत हो गई। इस दौरान 772 लोग हिट एंड रन के शिकार हो गए।
रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि इस दौरान अस्पतालों में पहुंचने पर इलाज में कोताही की वजह से 24 मरीजों की जान चली गई। चिंता की बात यह है कि इलाज में लापरवाही के मामले में हरियाणा उत्तर भारत में पहले स्थान पर है, जबकि पूरे भारत में झारखंड के बाद दूसरे नंबर पर है।
लापरवाही के अन्य मामलों में भी 219 लोगों की अकाल मौत हो गई। वहीं नगर निकायों की लापरवाही से 5 लोगों की जिंदगी खत्म हो गई। अब देखना है कि इस रिपोर्ट आने के बाद भी हमारा सिस्टम जरूरतमंदों की जान बचाने के लिए कितना सक्रिय रहता है।
अपहरण के 460 मामले सामने आए
रिपोर्ट के अनुसार, आईपीसी की धारा 363 के तहत प्रदेश में अपहरण के 460 मामले दर्ज किए गए। इनमें दो मामले में अगवा करने के बाद फिरौती मांगने के भी सामने आए। वहीं अपहरण के बाद हत्या की आशंका के भी 13 मामले दर्ज किए गए।
सिस्टम में ये हैं खामियां
2. घायलों की हालत गंभीर होने पर भी समय पर नहीं मिलता इलाज
2. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर और समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध न हो पाना
4. तेज रफ्तार वाहनों की गति पर नियंत्रण मापने और कार्रवाई के लिए सिस्टम न होना
5. नगर निकायों में कर्मचारियों के लिए जरूरी सुविधाओं का उपलब्ध न होना