हरियाणा विधानसभाः सरकार को जनता के सस्ते आटा और तेल की चिंता, 1509 करोड़ और जारी

 


हरियाणा विधानसभाः सरकार को जनता के सस्ते आटा और तेल की चिंता, 1509 करोड़ और जारी


हरियाणा में राशन डिपो के माध्यम से लोगों को सस्ता अनाज वितरित करने संबंधी योजनाओं को इसी वित्त वर्ष में 1509 करोड़ से अधिक की अतिरिक्त राशि मिलेगी। इसके साथ ही सिंचाई विभाग की वे परियोजनाएं जो भूमि अधिग्रहण मुआवजे की वजह से लटकी हुई थी, उनकी भी वित्तीय अड़चनें अतिरिक्त बजट से दूर हो जाएंगी। इनमें 12 और विभाग है, जिनके राजस्व और पूंजीगत परिव्यय में कुल 1629.52 करोड़ का इजाफा किया गया है।


 

इस वृद्धि के साथ अब वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार का सभी विभागों का कुल वास्तविक बजट एस्टीमेट 141550.60 करोड़ हो गया है, जो पहले 132165.99 करोड़ था। सरकार ने अपने पहले सप्लीमेंटरी बजट एस्टीमेट में विभिन्न विभागों के लिए 7755.09 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया था। अब दूसरे सप्लीमेंटरी एस्टीमेट में 12 विभागों के लिए 1629.52 करोड़ रुपये बढ़ा दिए गए हैं।

बुधवार को सरकार ने अपना दूसरा सप्लीमेंटरी बजट एस्टीमेट विधानसभा सदन पटल पर रखा। मुख्यमंत्री ने इसे सदन में पास करवाने का प्रस्ताव किया। इस पर स्पीकर ने सदन में सभी सदस्यों की मौखिक मंजूरी मांगी। विधायकों ने इस दूसरे सप्लीमेंटरी बजट एस्टीमेट को निर्विरोध पारित कर दिया। बहरहाल, इस सप्लीमेंटरी एस्टीमेट में भी सरकार ने गरीब लोगों के राशन का खास ध्यान रखा है।



सबसे ज्यादा बजट सस्ते राशन के लिए, पांच विभागों को सिर्फ 5 हजार


सरकार के दूसरे सप्लीमेंटरी बजट एस्टीमेट में कुल 1629.52 करोड़ में से सबसे ज्यादा बजट जनता के सस्ते अनाज के लिए आवंटित किया गया है। इसके अंतर्गत फूड, सप्लाई एंड कंज्यूमर अफेयर्स विभाग के  लिए 1509 करोड़ 45 लाख 81 हजार रुपये अलॉट किए गए हैं।

ये बजट राशन डिपो पर गरीब व जरूरतमंद लोगों को सस्ता सरसों का तेल, चीनी, आटा व बाजरा इत्यादि वितरित करने की योजनाओं पर खर्च होगा। इसी तरह सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत जनता के कामों के लिए 12.50 करोड़ और प्रशासनिक कार्यों के लिए 7.81 करोड़ का अतिरिक्त बजट मिला है।

विधानसभा के लिए नौ करोड़ 68 लाख 82 हजार रुपये, गवर्नर एंड काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स विभाग के लिए 37 करोड़ 7 लाख 15 हजार रुपये, राजस्व विभाग के लिए एक हजार रुपये, वित्त विभाग के लिए एक हजार रुपये, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के लिए एक हजार रुपये, वेलफेयर ऑफ एससी-बीसी विभाग के लिए 1 हजार रुपये, एग्रीकल्चर विभाग के लिए तीन हजार रुपये, एनीमल हस्बेंडरी एंड डेयरी डेवपलमेंट विभाग के लिए एक हजार व प्रशासनिक  न्याय विभाग के लिए 17 करोड़ 98 लाख 76 हजार 760 रुपये अतिरिक्त बजट अलाट किया गया है।



किसानों को अब मिलेगा मुआवजा


सिंचाई विभाग की कुछ परियोजनाएं ऐसी है, जो मुआवजा राशि को लेकर अटकी हुई हैं। इन परियोजनाओं में सिंचाई विभाग ने किसानों एवं जमींदारों की भूमि अधिगृहित की थी। मगर जब इन किसानों को मुआवजा देने की बात आई तो मामला थोड़ा लटक गया। अब इस मामले को सिरे चढ़ाने के लिए सिंचाई विभाग को 35 करोड़ की अतिरिक्त मांग थी।

जिसे सरकार ने इस दूसरे सप्लीमेंटरी बजट एस्टीमेट में पूरा कर दिया है। सिंचाई विभाग को 35 करोड़ का अतिरिक्त बजट दे दिया गया है। इस राशि से अब किसानों की अधिगृहित की गई जमीन का मुआवजा चुकता कर संबंधित परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा।

अब जल्द आ जाएंगी मंत्रियों की नई कारें
इस दूसरे सप्लीमेंटरी बजट एस्टीमेट में सामान्य प्रशासन विभाग को मिलने वाले कुल अतिरिक्त बजट 20.31 करोड़ में से राजस्व परिव्यय के लिए 7.81 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि 12.50 करोड़ पब्लिक वर्क्स के लिए हैं। सूत्रों की माने तो मंत्रियों की नई फॉरच्यूनर कारें अब जल्द आ जाएंगी।

हाई पॉवर परचेज कमेटी में तो पहले ही मंत्रियों के लिए 10 फॉरच्यूनर कारें खरीदने की मंजूरी मिल चुकी है और इस अतिरिक्त बजट से अब राह और आसान हो गई है, क्योंकि कारें सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत ही खरीदी जानी है।